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लखनऊ डेस्क : जहाँ तक भारत में शिया समुदाय (मुसलमनों) की बात की जाए तो उनका ऐतिहासिक सफ़र अकसर अस्पष्ट पत्रिकाओं और पुस्तकों तक ही सीमित है। जो आम जनता द्वारा ध्यान आकर्षित करने के लिए अकसर शैक्षिक होते हैं। विद्वानों और कलाओं की जीवंत संस्कृति के साथ साथ गुजराती बोहरी शिया की दुनिया भर में सर्व व्यापी उपस्थिति के कारण इस विषय पर कई वर्तमान कार्य उत्तर भारत शियों पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं दक्षिणी राज्यों में भी शिया मुसलमानों के अधिक प्रभावशाली औत परंपरओं के घर रहे हैं। विषेश रूप से बहमनी सल्तनत और इसके पाँच राज्यों की शाखाओं की उपस्तिथि के कारण था, जिनके पास अधिक सम्पत्ति थी जो अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए खर्च करते थे। इसको लेखक अक़ील अब्बास पेशे से (इंजीनियर,व्यापारी) कर्नाटक राज्य के अलीपुर गाँव के हैं, द शिया (The Shia) नामक पुस्तक लिख कर सम्बोधित करने का प्रयास किया है। यह पुस्तक कर्नाटक राज्य के विभिन्न शहरों कस्बों और गांवों में लेखक द्वारा किए गए अनुभवों और शोधों पर आधारित है