एक्शन मीडिया न्यूज
शाहबाद,हरदोई : बहुजन समाजवादी पार्टी के शाहबाद विधान सभा से रहे विधायक आसिफ ख़ाँ बब्बू बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। विगत कई महीनों से शाहाबाद के कद्दावर राजनेताओं में शुमार होने वाले बसपा नेता पूर्व विधायक व पूर्व पालिकाध्यक्ष आसिफ खान बब्बू के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। कई महीनों से लगाये जा रहे कयासों पर गुरुवार को ब्रेक लग गया और आखिकार आसिफ खां बब्बू बहुजन समाज पार्टी का दामन छिटककर समाजवादी पार्टी में अपनी आस्था जताते हुए पार्टी में शामिल हो गए। भले ही पूर्व विधायक बब्बू खां ने अनौपचारिक तौर सपा की सदस्यता कबूल कर ली है लेकिन वह आगामी 2 मार्च को हजारों समर्थकों की नुमाइश के बीच पूरे दमखम के साथ औपचारिक तौर पर पार्टी की सदस्यता लेंगे। पूर्व विधायक आसिफ खां बब्बू के समाजवादी पार्टी में शामिल होने से सपा की स्थिति शाहाबाद विधानसभ में मजबूत होगी तो वही बसपा को बब्बू के पार्टी छोड़ने से एक बड़ा नुकसान होने के कयासों का बाजार भी गर्म हो चला है। शाहाबाद की राजनीति में बब्बू के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शाहाबाद नगरपालिका अध्यक्ष पद पर पूर्व विधायक के परिवार का वर्चस्व कई पंचवर्षीय से कायम है और वर्तमान में भी उनकी पत्नी ही पालिकाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहीं हैं।
पूर्व विधायक बब्बू का राजनैतिक सफर
बसपा छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए पूर्व विधायक व पूर्व पालिकाध्यक्ष आसिफ खां बब्बू ने अपना राजनीतिक सफर 1995 में शाहाबाद नगर पालिका के चेयरमैन के चुनाव से शुरू किया था और अपने राजनीतिक जीवन के पहले ही चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की। बब्बू एक कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले चुनाव में भी शाहाबाद नगर की जनता का दिल जीतने में कामयाब रहे और फिर शाहाबाद पालिकाध्यक्ष बने। दो बार पालिकाध्यक्ष पद का चुनाव जीतकर बब्बू ने अपनी राजनीतिक पकड़ का लोहा मनवा दिया जिसके बाद बसपा ने उन्हें वर्ष 2002 के चुनाव में उन्हें शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से टिकट दे दिया। पूरे दमखम से चुनाव लड़े बब्बू उस चुनाव में 32469 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। इसके बाद पूर्व विधायक बब्बू 2007 के चुनाव में हाथी पर सवार होकर फिर से मैदान में उतरे और वह 4006 वोट से सपा प्रत्याशी बाबू खान को हराकर विधानसभा पहुंच गए। बसपा से विधायक चुने जाने के बाद बब्बू ने क्षेत्र की विधायकी और नगरपालिका की अध्यक्षी एक साथ चलाई। 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की आंधी में बब्बू भी अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहे और 11134 वोटों से हार गए। विधायकी हारने के बाद पूर्व विधायक बब्बू का ग्राफ धीरे धीरे नीचे की ओर गिरना शुरू हुआ जिसका फायदा उठाकर बसपा में उनके विरोधी उन पर हावी होने शुरू हो गए। पार्टी में फैल रही अंदरूनी कलह से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने 20 अप्रैल 2016 को पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर पूर्व विधायक बब्बू खां को बसपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया और इसके कुछ दिन बाद ही बसपा ने रामनाथ तिवारी को शाहाबाद का प्रभारी भी घोषित कर दिया था। 2017 में पूर्व विधायक आसिफ खां बब्बू ने एक बार फिर बसपा के टिकट पर शाहाबाद से विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा की आंधी में लोकप्रियता काम न आई और वह एक बार फिर सवायजपुर से बसपा की तत्कालीन विधायक भाजपा प्रत्याशी रजनी तिवारी से चुनाव हार गए।